'हम दंगा नहीं, गंगा चाहते हैं… हिंदू एक हों, वरना हर गली में बम फूटेंगे', मथुरा पहुंचते ही गरजे धीरेंद्र शास्त्री

'हम दंगा नहीं, गंगा चाहते हैं… हिंदू एक हों, वरना हर गली में बम फूटेंगे', मथुरा पहुंचते ही गरजे धीरेंद्र शास्त्री

Dhirendra Krishna Shastri in Mathura

Dhirendra Krishna Shastri in Mathura

Dhirendra Krishna Shastri in Mathura: दिल्ली से वृंदावन तक चल रही सनातन एकता पदयात्रा पवित्र ब्रजभूमि में प्रवेश कर गई है. इस अवसर पर बागेश्वर धाम सरकार पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने तीर्थ क्षेत्र को नमन करते हुए कहा कि यह भूमि भक्ति, शक्ति और प्रेम की भूमि है. ब्रजवासियों ने इस यात्रा को जिस आत्मीयता से अपनाया है, उससे स्पष्ट है कि जब ब्रजवासियों ने स्वीकार लिया है, तो बांके बिहारी भी अवश्य स्वीकारेंगे. होडल शहर में यात्रा का भव्य स्वागत हुआ. कई स्थानों पर श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा और जयकारों के साथ यात्रा का अभिनंदन किया.

सातवें दिन की शुरुआत राष्ट्रगान और हनुमान चालीसा से हुई. यात्रा के दौरान बागेश्वर महाराज ने कहा कि व्यक्ति उच्चारण से नहीं, उच्च आचरण से महान होता है. युवा रील जरूर बनाएं, पर रियल से भी जुड़े रहें. हम न आस्तिक बनाते हैं, न नास्तिक. हम लोगों को वास्तविक बनाना चाहते हैं. सभी नदियों से मिलकर सिंधु बनती है और सभी जातियों से मिलकर हिंदू.

उन्होंने कहा कि तीन नहीं, पांच उंगलियां मिलकर बनी मुट्ठी जब उठती है, तो असर अधिक होता है. इसलिए सभी हिंदुओं को एकजुट होना चाहिए. महाराज ने मुस्कुराते हुए कहा कि हम बम नहीं, नारियल फोड़ने वाले हैं.

धीरेंद्र शास्त्री ने क्या कहा?

बागेश्वर महाराज ने सड़क किनारे शहीद हेमराज के परिवार और कोसी दंगे के शिकार सोनू सैनी की पत्नी सावित्री सैनी के साथ भोजन किया. उन्होंने कहा कि ऐसा वक्त फिर कभी न आए जब कोई युवक शहीद हो या किसी को दंगे का शिकार बनना पड़े. यात्रा के सातवें दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास संजीव कृष्ण ठाकुर, वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय, सांसद निशिकांत दुबे, सुमेर सिंह सोलंकी, नरोत्तम मिश्रा और मध्य प्रदेश के राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार भी यात्रा में शामिल हुए. इस दौरान कई संगठनों ने यात्रा का स्वागत किया.

बच्चों ने बनाए महाराज के स्केच भेंट किए. सड़कों से लेकर इमारतों की छतों तक लोगों का जनसैलाब उमड़ा हुआ था. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह यात्रा किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि हिंदुओं के पक्ष में है. कोसी सीमा में प्रवेश करते ही निंबार्क पीठाधीश श्रीजी महाराज ने 11 तोपों से 11 क्विंटल फूल बरसाकर यात्रा का स्वागत किया. 251 सुहागिन गोपियों ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया और ब्राह्मणों ने स्वस्तिवाचन किया.

किन्नर समाज ने नजर उतारी

किन्नर समाज ने भी यात्रा में भाग लेकर महाराज का अभिनंदन किया. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति देश और धर्म के लिए कार्य कर रहा हो, उस पर किसी की नजर न लगे. किन्नर समाज ने परंपरागत रीति से महाराज श्री की नजर उतारी और आशीर्वाद दिया.